सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बद्रीनाथ मंदिर - पवित्र चार धाम तीर्थ

बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार बद्रीनाथ को समर्पित है और चार धाम तथा छोटा चार धाम तीर्थयात्रा स्थलों में से एक है|
badrinath temple history
 

- बद्रीनाथ मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी:

- स्थान:- यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है।  
- ऊँचाई:- समुद्र तल से लगभग 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।  
- मान्यता:- ऐसा माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इस मंदिर को फिर से स्थापित किया था।  
- खुलने का समय:- मंदिर अप्रैल से नवंबर तक खुला रहता है, क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण इसे बंद कर दिया जाता है।  
- पौराणिक महत्व:- पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहाँ तपस्या की थी, और इस स्थान को "बद्रीकाश्रम" कहा जाता है।  

कैसे पहुँचें?  

- हवाई मार्ग:- निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट (देहरादून) है, जो लगभग 317 किमी दूर है।  
- रेल मार्ग:- नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (295 किमी) और कोटद्वार (327 किमी) हैं।  
-सड़क मार्ग:- दिल्ली, हरिद्वार या ऋषिकेश से बस या टैक्सी द्वारा बद्रीनाथ पहुँचा जा सकता है।  

बद्रीनाथ मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ आसपास के दर्शनीय स्थलों में **माणा गाँव (भारत का अंतिम गाँव), वसुधारा झरना, और नीलकंठ पर्वत शामिल हैं।  

बद्रीनाथ मंदिर – पवित्र चार धाम तीर्थ


बद्रीनाथ मंदिर – पवित्र चार धाम तीर्थ  

(Badrinath Temple – The Sacred Char Dham Pilgrimage)

बद्रीनाथ मंदिर भारत के प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है, जो भगवान विष्णु के रूप बद्रीनाथ को समर्पित है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमालय की गोद में स्थित है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।  

Badrinath Temple photo



मुख्य बिंदु:
- धार्मिक महत्व:- हिंदू धर्म में चार धामों (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) में से एक।  
- पौराणिक कथा:- मान्यता है कि भगवान विष्णु ने यहाँ कठोर तपस्या की थी।  
- दर्शन का समय:- अप्रैल-मई से नवंबर तक (सर्दियों में बंद)।  
- निकटवर्ती आकर्षण:- माणा गाँव, वसुधारा झरना, तप्त कुंड।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

TIRUPATI BALAJI TEMPLE

  तिरुपति बालाजी मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर, जिसे श्री वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर (भगवान विष्णु का एक रूप) को समर्पित है और दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है।  - मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें: 1- इतिहास:- मान्यता है कि यह मंदिर लगभग 1,000 साल पुराना है और इसे विभिन्न राजवंशों जैसे पल्लव, चोल और विजयनगर साम्राज्य ने संरक्षण प्रदान किया था। 2- वास्तुकला:- मंदिर द्रविड़ शैली में बना हुआ है और इसका गोपुरम (मुख्य द्वार) बहुत ही भव्य और आकर्षक है। मंदिर के शिखर पर सोने का कलश स्थापित है। 3- महत्व:- तिरुपति बालाजी मंदिर को "भूलोक वैकुंठ" (पृथ्वी पर भगवान विष्णु का निवास) कहा जाता है। यहां भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है, जो बेहद आकर्षक और दिव्य है। 4- दर्शन और प्रसाद:- मंदिर में भक्तों को "लड्डू" का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जो बहुत प्रसिद्ध है। इसके अलावा, भक्त अपने बाल भगवान को...

KAILASH PARVAT

  Kailash parvat ke bare mein jaane. Kailash parvat कैलाश पर्वत, जिसे माउंट कैलाश के नाम से भी जाना जाता है, चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में स्थित एक पवित्र पर्वत है। इसे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और बोन धर्म में आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पूजा जाता है। इसके बारे में कुछ मुख्य विवरण इस प्रकार हैं. 1-धार्मिक महत्व; - हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। - बौद्ध धर्म में इसे डेमचोक से जोड़ा जाता है, जो परम आनंद का प्रतीक है। -जैन धर्म में इसे वह स्थान माना जाता है जहाँ प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने मोक्ष प्राप्त किया था। बोन धर्म में यह आध्यात्मिक दुनिया का केंद्र है।  भूगोल:- ट्रांसहिमालय के हिस्से कैलाश पर्वतमाला में स्थित है।   -ऊंचाई:6,638 मीटर (21,778 फीट). - चार प्रमुख नदियों के स्रोतों के पास: सिंधु,सतलज,ब्रह्मपुत्र,और करनाली. 3-तीर्थयात्रा; - कैलाश मानसरोवर यात्रा एक प्रसिद्ध तीर्थयात्रा है जहाँ भक्त पर्वत की परिक्रमा करते हैं (एक अनुष्ठान जिसे कोरा कहा जाता है). - परिक्रमा लगभग 52 किलोमीटर की होती है और इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है...